Sri Sri Ravi Shankar Indian guru ( Motivational speech )


Episode Artwork
1.0x
0% played 00:00 00:00
Aug 26 2021 3 mins  
खोए हुए आत्मसम्मान को फिर से वापस पाने के चंद तरीके अपने उपन्यास 'द ब्लूएस्ट आई में, टोनी मोरिसन ने एक लड़की के बारे में लिखा था जो अपने रूप से खुश नहीं थी। उसे नीली आँखें चाहिए थीं पर उसकी आंखें काली थीं। वह चाहती थी कि उसके पास एक सुखद परिवार होता, श्रीश्री रविशंकर लेकिन उसका परिवार आध्यात्मिक गुरु खुश नहीं था। उसका कमजोर आत्मसम्मान उसके परिवार के लोगों में तालमेल के अभाव के कारण केवल और कमजोर ही हुआ। हममें से कुछ के घर पर, स्कूल में साथियों और परिवार के बीच इसी प्रकार के नाखुश पल रहे होंगे। हमने झूठ पर विश्वास किया कि हम उतने अच्छे नहीं हैं। हो सकता है हममें से कुछ लोगों की शुरुआत अच्छी रही हो परंतु बाद में असफलताओं ने हमारे आत्मसम्मान को क्षतिग्रस्त कर दिया हो। अभी भी, हममें से कुछ के जीवन में सब कुछ हमारे पक्ष में जा रहा होगा लेकिन हमारा निरंतर अपने आप से नकारात्मक बात करना हानिकारक हो सकता है। खैर कारण जो भी हो, पर कुछ उपायों से आत्मसम्मान में कमी दूर की जा सकती है। पहला, जितना आप सोचते हैं कि आप प्रतिकूल परिस्थितियों और लोगों के शिकार हुए हैं, खुद को उतना ही कमजोर महसूस करते हैं। अपने अतीत को सपने जैसे देखें और भविष्य का सामना मजबूत और निडर होकर करें। दूसरा अपने मन का बोझ हटाएं। जिन पलों मैं आपने खुद को कम महसूस किया ऐसे असफलता के उदाहरण आपको हानिकारक भावनात्मक बोझ देते हैं। आत्मविश्वास के पोषण के लिए उन्हें छोड़ना ही बेहतर है। इसके लिए ध्यान का सहारा लें। ध्यान करने से आत्म सम्मान को बढ़ाना एक वास्तविकता है। जब आप अपने आप साथ सहज होते हैं, आपके आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। तीसरा है नकारात्मक सोच से दूर रहें। अपनी कमियों पर असंतोष के बजाय उन्हें सुधारने का संकल्प लें। आंतरिक नकारात्मक संवाद में लिप्त होने के बजाय, उनका निरीक्षण त तक करें, जब तक वे विलुप्त न हो जाएं। चौथा है दूसरों से प्रतिस्पर्धा की प्रवृत्ति, इससे बचें। ये एक ऐसी प्रवृत्ति है जो न तो हमें उपयोगी बनाती है और न ही खुश रहने देती है। जबकि अगर आप खुद के साथ मुकाबला करते हैं, तो आप न केवल और अधिक उपयोगी होते हैं परंतु मजबूत आत्म सम्मान के स्वामी होते हैं।