इबादत ( लेखिका- राज्यश्री जोशी)


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Apr 27 2022 3 mins  
ईश्वर ने संपूर्ण सृष्टि को रचा है। हम सभी में उसका अंश है और उसकी ऊर्जा है। सांसारिक मोह का जाल जब तक हमें बांधे रखता है, हम अहंकार के अंधेरे में जीते रहते हैं और अपने ईश्वर से दूर हो जाते हैं। 'मैं तो कुछ भी नहीं, असली कर्ता ईश्वर है।' मेरी साँसों को चलाने वाला वही सृष्टि रचयिता है । उसका नाम हर पल लेती रहूँ- यही कामना है मेरी। कान्हा की आस में ही जीवन बिताने की "इबादत" है।