रिश्वत का खेल, तेनालीराम #हिंदी_कहानियां# कृष्णदेव राय कला प्रेमी थे इसीलिए कलाकारों का प्रोत्साहन बढ़ाने के लिए उनके अच्छे प्रदर्शन के लिए उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित करते रहते थे। कलाकारों को सम्मानित करने से पहले वे एक बार तेनालीराम से जरुर पूछते थे। महाराज की ये बात तेनालीराम के विरोधियों को बहुत खलती थी। तेनालीराम कुछ दिनों से राजदरबार में नहीं आ रहा था जिसका फायदा उठाते हुए उसके विरोधियों ने महाराज के कान भरने शुरू कर दिए।आगे की कहानी सुने ....... श्रोताओं से अनुरोध है कि आप अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दें। Please like, share and hit the bell icon or every recent podcast