जिसके आँचल में केवल स्नेह है और मन में समर्पण,
जिसके चेहरे पर भले ही थकान हो, पर आँखों में सुनहरी चमक,
वह है एक गृहिणी।
जो अपने परिवार के भविष्य के लिए ख़ुद का वर्तमान खो देती है,
उनकी ख़ुशियों के लिए अपने दिन भर का आराम खो देती है
फिर भी आज तक उसे वह सम्मान नहीं मिला जो वह पाना चाहती है।
पता नहीं वह कैसे समाज की इस क्रूरता को सेह लेती है।
तो चलो आज उस गृहिणी के जीवन के कुछ पन्नो को खोलते हैं,
जानते हैं उसकी दुनिया को, और उसके मन के रहस्यों को ख़ुद से जोड़ते हैं।
इस एपिसोड के माध्यम से सिमरन और उन्नति ने परिवार में एक गृहिणी की अहमियत दर्शाने का प्रयास किया है।